12th July 2015 - राष्ट्रीय लोक दल
12 जुलाई 2015
प्रकाशनार्थ
लखनऊ 12 जुलाई। राष्ट्रीय लोकदल द्वारा सहकारिता भवन के चै0 चरण सिंह सभागार में राज्य पुनर्गठन प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री चै0 अजित सिंह जी थे। सम्मेलन में बुन्देलखण्ड बनाओ संगठनांे के समन्वय समिति के संयोजक डाॅ0 बाबूलाल तिवारी, पूर्वांचल राज्य बनाओं के अध्यक्ष डाॅ0 सुधाकर पाण्डेय एवं पूर्वाचल राज्य बनाओ आन्दोलन के संयोजक रमाषंकर यादव, पूर्वांचल बनाओं मंच के संयोजक एवं दैनिक जनमोर्चा समाचार पत्र के सम्पादक सुरेष पाठक तथा बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के महामंत्री रविन्द्र कुरेले सहित पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड एवं हरित प्रदेष की मांग कर रहे अन्य कई संगठनों के अध्यक्षों एवं समितियों के सदस्योें ने भाग लिया। सम्मेलन का संचालन राष्ट्रीय लोकदल मध्य उ0प्र0 के अध्यक्ष राकेष कुमार सिंह मुन्ना ने किया। सम्मेलन में राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताआंे और पदाधिकारियों सहित अन्य संगठनों ने भारी संख्या मंे अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुये चै0 चरण सिंह अमर रहे तथा चै0 अजित सिंह जिन्दाबाद जैसे नारों के साथ सभागार में पुनर्गठन की मांग को लेकर लोगो में उत्साह भर दिया।
सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुये चै0 अजित सिंह ने कहा कि राज्य पुनर्गठन की मांग आज की नहीं है जब उत्तरांचल और तेलंगाना अलग नहीं हुये थे तभी से विकास की दृष्टि से राज्य पुनर्गठन की मांग की चिंगारी को हवा दी गयी है। इतिहास पर चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि 1912 में बंगाल उडीसा एक राज्य हुआ करता है 1936 में बिहार से अलग हुआ और महाराष्ट्र से गुजरात बना इतनी ही नहीं तेलगाना की लड़ाई 50 वर्षो से हिसंक और अहिंसक दोनो तरीके से चली जिसमें कई की जाने भी गयी उस समय तेलंगाना राज्य गठन के विरोधी गांव में नहीं घुसने पाते थे। उ0प्र0 का दुर्भाग्य है कि बटेर ऐसे आदमी के हाथों लग गयी है जिसकी सारी सोंच सैफई तक सीमित है और ज्यादा से ज्यादा मैनपुरी तक। उन्होंने छोटे राज्यों के विकास पर जोर देते हुये कहा कि छोटे राज्यों के गठन से तरक्की के रास्ते खुल जाते हैं और शासक और शासित के बीच सीधा संवाद सम्भव हो जाता है जिससे प्रजातंत्र का अर्थ साबित होता है। उ0प्र0 का पुनर्गठन होना नितांत आवष्यक है क्योंकि अगर देष मंे गणना की जाय तो उ0प्र0 विष्व का पांचवा देष होगा। उन्होंने कहा कि हमे इसके लिए सभी ग्रुपों से बात करके समन्वय समिति बनाकर काम करना होगा। पूरे प्रदेष में एक साथ सभी वर्गों व सहयोगियों को साथ लेकर जन आन्दोलन बनाने की जरूरत है।
सम्मेलन के पश्चात प्रदेष के हालात को देखते हुये चै0 अजित सिंह ने माननीय राज्यपाल महोदय से मुलाकात की।
सम्मेलन को बुन्देलखण्ड बनाओ संगठनांे के समन्वय समिति के संयोजक डाॅ0 बाबूलाल तिवारी ने सम्बोधित करते हुये कहा कि चै0 अजित सिंह ही ऐसे राजनेता है जो छोटे राज्यों के गठन के लिए भारत सरकार का मंत्रालय भी छोड सकते हैं और राज्यों के पुनर्गठन के प्रेरणाश्रोत हैं। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 के चारों राज्यों में न तो सम्पदा की कमी है और न ही प्रतिभा और क्षमता की। बुन्देलखण्ड के लाल बुन्देखण्ड में सरकार चलाने में सक्षम है हम सभी आज चै0 अजित सिंह से सरकार की चाभी मांगने आये हैं। उन्होंने आगे बताया कि षिक्षा स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए बुन्देलखण्ड पिछड़ा है परन्तु सरकारे ध्यान नहीं दे रही है।
सम्मेलन को राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने सम्बोधित करते हुये कहा कि बुन्देलखण्ड सहित हरित प्रदेष और पूर्वांचल बनाने की मांग को लेकर हम सभी को एक साथ लड़ना है। उन्होंने “हरी भरी सब धरती हो बंजर भूमि न परती हो, बुन्देलखण्ड की धरती बुन्देलखण्ड की भरती हो” जैसे नारे के साथ अपने सम्बोधन में कहा कि बुन्देलखण्ड से 600 अरब रूपया राजस्व के रूप में सरकार को प्राप्त होता परन्तु सरकारे उसका चैथाई हिस्सा भी विकास के लिए व्यय नहीं करती है, बुन्देलखण्ड में पौराणिक स्थल हैं, खजिन सम्पदा का अम्बार है और इतनी बिजली पैदा होती है कि बिजली उत्पादन से ही बुन्देलखण्ड का विकास हो सकता है परन्तु सरकार अपना स्वार्थ देख रही है। बुन्देलखण्ड का इतिहास चैदहवी सदी से है इसी तरह से पष्चिमी उ0प्र0 में ताजमहल और मथुरा जैसी नगरी प्रसिद्व नगरी है इसके अलावा अगर गन्ने के उद्योग पर ध्यान दे तो पष्चिमी उत्तर प्रदेष अग्रणी प्रदेष साबित होगा। उन्होंने प्रदेष सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करते हुये कहा कि यादव सिंह जैसे भ्रष्टाचारी के पास 2.5 किलो हीरा बरामद हुआ था लेकिन किसी दुकानदार के घर 2.5 किलो जीरा नहीं होगा और प्रदेष की भर्तियों में घोटाला ही घोटाला है।
राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने सम्बोधित करते हुये कहा कि अभी तक छोटे राज्यों की वकालत सिर्फ चै0 अजित सिंह ने की और किसी ने नहीं की। वर्तमान समय मंें छोटे राज्यों का मुददा अहम मुददा है क्योंकि यह मुददा रोजगार, विकास और किसानों की सिचाई से जुड़ा है छोटा राज्य होगा तभी खुषहाल राज्य होगा, तेलंगाना के समय चै0 साहब ने अपना मंत्री पद त्याग दिया था। श्रद्वेय चै0 चरण सिंह ने विकास की दृष्टि से प्रदेष की बंटवारे की बात उठायी थी। उन्होंन कहा कि एक आदमी इतनी बडीे प्रषासनिक इकाई नहीं चला सकता है इसलिए प्रदेष का पुनर्गठन जरूरी है।
सम्मेलन को डाॅ0 सुधाकर पाण्डेय ने सम्बोधित करते हुये कहा कि छोटे राज्य में निष्चित तौर पर विकास के रास्ते खुलते हेैं इसलिए राज्य पुनर्गठन की महती आवष्यकता है। उन्होंने कहा कि 8000 करोड़ की आबादी वाले पूर्वांचल में 28 चीनी मिले है जिनमें 14 बन्द पड़ी है लेकिन सरकारे किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय लोकदल मुख्यालय में काॅग्रेस के वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार के करीबी सुल्तानपुर के जिला युवक काॅग्रेस पूर्व उपाध्यक्ष डाॅ0 बलराम सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण की।
सम्मेलन को पूर्वांचल राज्य बनाओं के संयोजक रमाषंकर यादव, बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के महामंत्री रविन्द्र कुरेले, पूर्वांचल बनाओं मंच के संयोजक एवं दैनिक जनमोर्चा समाचार पत्र के सम्पादक सुरेष पाठक, राष्ट्रीय प्रवक्ता डाॅ मसूद अहमद राष्ट्रीय लोकदल विधान मण्डल दल के नेता ठा0 दलबीर सिंह, विधान परिषद के नेता चै0 मुस्ताक अहमद, चै0 सत्पाल सिंह, राममेहर सिंह गुर्जर, इं संतोष कुमार मिश्रा, चक्रपाणि यादव, बुन्देलखण्ड के नेता अषोक निरंजन, ओंकार सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया तथा राष्ट्रीय सचिव षिवकरन सिंह, अनिल दुबे, पष्चिमी उ0 प्र0 के अध्यक्ष मुषीराम पाल, विधायक वीरपाल राठी, त्रिलोकीराम दिवाकर, भगवती प्रसाद सूर्यवंषी, पूरन प्रकाष, पूर्व मंत्री धर्मवीर सिंह बालियान, रामबाबू शास्त्री रामप्यारे सिंह पटेल, डा0 सुरेष यादव, संतोष यादव रवीन्द्र पटेल, प्रदेष महासचिव डाॅ0 अनिल चैधरी, प्रो0 यज्ञदत्त शुक्ल, हाजी वसीम हैदर, राजेन्द्र सिंह चिकारा, भोपाल सिंह गूर्जर, रामेन्द सिंह परमार, मंजीत सिंह, चै0 भूपाल सिंह, आरिफ महमूद, मंजू चैधरी, किरन सिंह, देवप्रकाष राय, राजकुमार त्यागी, रजनीकांत मिश्रा, देव प्रकाष राय, सुरेष अग्रहरि, सर्वानंद तिवारी, प्रमोद यादव, ज्येाति अग्रवाल, राममेहर राठी, रघुनाथ सिंह, बी0एल0 प्रेमी, बृजेष सोनी, शैलेन्द्र सिंह सहित सैकड़ों प्रतिनिधि उपस्थित थे।
(प्रवक्ता)
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