लखनऊ 17 अक्टूबर। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि जनपद पीलीभीत के कस्बा बीसलपुर के गांव गयासपुर में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक फुरकान अली को निलम्बित करके वहां के जिलाधिकारी और बेसिक षिक्षा अधिकारी द्वारा लोकतंत्र का गला घोटते हुये समाज में साम्प्रदायिकता की खाई को गहरा करने का कुचक्र रचा है और इस कुचक्र में प्रदेष सरकार का संरक्षण भी है जिसका प्रमाण बेसिक षिक्षा मंत्री श्री सतीष चन्द्र द्विवेदी के बयान से मिलता है। ज्ञातव्य है कि हमारे प्रदेष में हिन्दी राष्ट्रभाषा के रूप में और उर्दू राज्य भाषा के रूप में मानी जाती है और अल्लामा इकबाल उच्च कोटि के उर्दू शायर के रूप में गिने जाते हैं। सरकार के इस कृत्य से 267 बच्चों के स्कूल में ताला पड गया है क्योंकि फुरकान अली इकलौते अध्यापक थे। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि प्रदेष सरकार नौनिहालों की षिक्षा के प्रति कितना जागरूक है कि 267 बच्चों पर केवल एक अध्यापक है।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि हमारे यहां के पूर्वजों के समय से समस्त राजस्व अभिलेख और महत्वपूर्ण दस्तावेज उर्दू में ही पाये जाते हैं। बीसलपुर के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय की प्रार्थना के साथ ही ”लव पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी” नामक कविता का गाया जाना देषभक्ति की भावना से ओत प्रोत है क्योंकि प्रख्यात शायर इकबाल जी ने अपनी देषभक्ति की भावना को इसमें व्यक्त किया है। इसी गीत में एक पंक्ति “हो मेरा काम गरीबों की हिमायत करना, दर्दमंदों व जईफों की हिफाजत करना” भी आया है जिसका तात्पर्य देष के गरीबों, परेषानी में दिन व्यतीत करने वालों और बुजुर्गो का विषेष ध्यान रखना है। प्रदेष सरकार ने इस तरह की घृणित कार्यवाही करके समाज में कटुता का संदेष देने का काम किया है तथा देष के बच्चों में ही अलगाववाद को जन्म देने का कुचक्र रचा है।
रालोद प्रदेष प्रवक्ता ने कहा कि विख्यात शायर अल्लामा इकबाल ने ही “सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा हम बुलबुले हैं इसकी यह गुलिस्तां हमारा” लिखा था प्रदेष सरकार के नुमाइन्दे यह भूल गये कि धर्म निरपेक्ष राज्य में हिन्दु मुस्लिम सिक्ख इसाई सभी मिलकर एक गुलदस्ते के रूप में प्रदेष की खुषबू दूर दूर तक फैलाते हैं। साथ ही साथ प्राचीन कवियों और लेखकों की दी हुयी धरोहर का अपमान करके लोकतंत्र का मजाक उडाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुये कहा कि प्रधानाचार्य के प्रति की गयी कार्यवाही पर पुर्नविचार करके देष की गंगा जमुुनी संस्कृति को बहाल करने पर विचार किया जाय।