लखनऊ 22 सितम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि योगी सरकार के डेढ वर्ष बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग प्रदेष की जनता के स्वास्थ्य के प्रति पूर्णतः लापरवाह होता जा रहा है और लखीमपुर जनपद में एक दम्पती को अपने 6 साल के मासूम का शव अस्पताल से घर ले जाने के लिए भीख मांगना स्वास्थ्य विभाग के लिए बदनुमा दाग के साथ साथ शर्मनाक भी है। सरकारी अस्पताल में भी घोर लापरवाही के फलस्वरूप इस मासूम की मृत्यु हुयी थी फिर भी अस्पताल ने एम्बुलेंस मुहैया कराना मुनासिब नहीं समझा। प्रदेष के स्वास्थ्य मंत्री को ऐसी घटना की नैतिक जिम्मेंदारी लेते हुये अपने पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए और केवल मुख्यमंत्री का प्रवक्ता बनकर ही रहना चाहिए।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि षिक्षा और स्वास्थ्य प्रदेष की सबसे बडी आवष्यकता है और प्रदेष सरकार दोनो ही विभागों के प्रति उदासीन है। नौनिहालों की षिक्षा के लिए आधा सत्र बीत जाने के पष्चात भी पुस्तकों की व्यवस्था करने में सरकार की अक्षमता स्पष्ट हो चुकी है। आष्यर्च की बात तो यह है कि प्राइमरी से लेकर जू0 हाईस्कूल तक की बहुत सी पुस्तके छापी ही नही ंगयी हैं जिनका परिषदीय स्कूलों में सर्वथा अभाव है। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग मंें प्रतिवर्ष हजारों लोग लापरवाही और बदइंतजामी की वजह से काल के गाल में समा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री की अनुभवहीनता इस बात का प्रमाण है कि इतनी भीषण बाढ आने के पष्चात होने वाली संक्रामक बीमारियों के प्रति कोई संज्ञान नहीं लिया गया और सैकडों लोग संक्रामक बुखार से ग्रसित होकर असमय मृत्यु का वरण कर रहे हैं।
रालोद प्रदेष अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेष के नौनिहालों के साथ सरकार का इस प्रकार लापरवाही करना उनके साथ विष्वासघात ही नहीं बल्कि देष के भावी नागरिकों के जीवन से खिलवाड है। सरकार के नुमाईदें इतनी बेषर्मी पर उतर आयें हैं कि चारो ओर अपने भाषणों में विकास की गंगा बहाने में थक नहीं रहे हैं। प्रदेष की निरीह जनता ऐसे व्यवहारों से क्षुब्ध होकर केवल चुनाव का रास्ता देखती है। अब आगामी लोकसभा चुनाव में प्रदेष के षिक्षा और स्वास्थ्य विभागों की लापरवाही का परिणाम देखने को मिलेगा।