लखनऊ 4 सितम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि उ0प्र0 की राजधानी लखनऊ व राज्य के अधिकांष जिलों में पिछले कई दिनों से हो रही बारिष की वजह से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है, लगातार हो रही बारिष से उ0प्र0 की जनता बाढ की विभीषिका झेलने को मजबूर हो गयी है खासतौर पर वाराणसी, इलाहाबाद, आजमगढ, बलिया, गाजीपुर और गोडा, बलरामपुर, बहराइच, बाराबंकी, सीतापुर में गंगा, यमुना और घाघरा तथा गोमती के साथ ही सहायक नदियां उफान पर है, इससे इन जिलों के गांव के गांव जल मग्न हो गये हैं। लेकिन सरकार राहत एवं बचाव कार्य में पूरी तरह से असफल साबित हो चुकी है।
श्री दुबे ने कहा कि प्रदेष में जानलेवा बारिष की वजह से पिछले 48 घण्टों में 16 की मौत हो गयी है और 12 जख्मी हो गये है। इनमें शाहजहांपुर में सबससे ज्यादा 6 लोगों की मौत हो गयी, इसके अलावा सीतापुर में तीन, अमेठी तथा औरेया में दो दो और लखीमपुर, रायबरेली एवं उन्नाव में एक एक व्यक्ति की वर्षाजनित दुर्घटनाओं में मौत हुई है पूरे प्रदेष में ऐसे हादसों में दर्जनों लोग जख्मी भी हुये हैं। उत्तर प्रदेष में इस साल मानसून की बारिष में 254 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि गांव के गांव जल मग्न होने से ग्रामीणवासियों को अपने परिवार के साथ साथ अपने पषुओं को लेकर गांव से पलायन करना पड रहा है और प्रदेष सरकार राहत एवं बचाव कार्य के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। आपदा क्षेत्रों में न तो प्रदेष सरकार द्वारा खाद्य सामग्री पहुचाई जा रही है और न ही पषुओं के लिए चारे की कोई व्यवस्था की जा रही है। बाढ के कारण बाढ प्रभावित इलाको में लोगो को सांप काट रहे हैं और उनके इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है अस्पतालों में इस सम्बन्ध में किसी तरह के कोई टीकों की व्यवस्था नहीं की गयी है साथ ही अन्य जलीय जीव जन्तुओं का खतरा भी लोगो को बना हुआ है।
श्री दुबे ने कहा कि उ0प्र0 की जनता को खिलौना समझने वाली प्रदेष सरकार जनता के जनजीवन से मनोरंजन करना बंद करे और राहत एवं बचाव कार्य युद्व स्तर पर शुरू करें जिससे बाढ की त्रासदी झेल रहे लोगो का जनजीवन सुधारा जा सके। साथ ही बाढ के विकराल रूप से मौत का षिकार हुये लोगों के परिजनों को 20-20 लाख रूपये तथा क्षतिग्रस्त फसलों का अांकलन कराकर उचित मुआवजा दिया जाय जिससे बाढ से हुयी जन-धन हानि की पूर्ति हो सके।