लखनऊ 28 अगस्त। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने प्रदेष के वित्त मंत्री द्वारा विधान सभा में प्रस्तुत अनुपूरक बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव को दृष्टि में रखकर एक बार पुनः प्रदेष के किसानों को ठगने का षडयंत्र किया जा रहा है। किसानों के फसली ऋण माफ करने के शगूफे के साथ एक बार पुनः एक-एक और दो-दो रूपये के चेक बांटकर किसानों को बेइज्जत करने का इरादा है क्योंकि इस फसली ऋण का भुगतान लोकसभा चुनाव के बाद ही सम्भव होगा।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि वर्तमान सत्र का ही बकाया गन्ना मूल्य लगभग 11000 करोड रूपया है और अगले सत्र का गन्ना तैयार होने जा रहा है जिसका भुगतान भी गन्ना मिलों को करना होगा। प्रदेष सरकार ने गन्ना किसानों के लिए केवलं 5535 करोड रूपये का प्राविधान किया है जो वर्तमान सत्र के बकाया राषि का आधा है। गन्ना किसानों की यह धनराषि मिल मालिको के पक्ष में आवंटित करके एक बार पुनः प्रदेष सरकार ने पूंजीपतियों के पक्ष में निर्णय लिया है। इस अनुपूरक बजट में से भी गन्ना किसानों को कितना मिल पाता है और मिल मालिक अपने संसाधनों के लिए इस्तेमाल कर लेते हैं, यह भविष्य के गर्त में है। विगत सत्रों के बकाया गन्ना मूल्य के ब्याज का भुगतान मा0 उच्च न्यायालय और मा0 सर्वोच्च न्यायालय के आदेषों के बाद भी अब तक नहीं किया गया है जो कि न्यायालय आदेषों की अवहेलना है। वर्तमान सत्र के बकाया मूल्य पर भी 14 दिन बाद ब्याज देय हो जाता है परन्तु उसकी गणना का ही कुछ पता नहीं है। इस सरकार ने केवल किसानों को धोखा देने का कुचक्र चुनाव से पहले भी रचा था और अब लोकसभा चुनाव से पहलेे साजिष करने की तैयारी है।
रालोद प्रदेष अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मा0 जयंत चैधरी सम्पूर्ण प्रदेष में गांव गांव जाकर किसानों को जगाने में अपना सम्पूर्ण वक्त लगा रहे हैं तथा सभी पदाधिकारियों को निर्देष दिया है कि प्रदेष के कोने कोने में जाकर वर्तमान प्रदेष सरकार की कुरीतियों एवं किसान विरोधी नीतियों को बेनकाब किया जाय।