20 February 2018
20th Feb 2018 - राष्ट्रीय लोक दल
20 फरवरी 2018
प्रकाशनार्थ
लखनऊ 20 फरवरी। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि प्रदेष सरकार भगवाधारी नेताओं के इषारे पर पूरे प्रदेष में नफरत फैलाने में व्यस्त है और इसी के द्वारा जनता का ध्यान असली मुददों की तरफ से हटाने का प्रयास किया जा रहा है। यह सरकार अपने द्वारा घोषणा पत्र में किये गये वादों को पूरा नहीं कर पा रही है और न ही कानून व्यवस्था सुधारने में सक्षम हो सकी है। मीडिया के माध्यम से सरकार की नाकामियां उजागर होने का अच्छा रास्ता है परन्तु उस रास्ते में भी सरकार के इषारे पर रोडे खडे किये जा रहे हैं। जिसका ताजा उदाहरण अलीगढ से प्रकाषित व्यवस्था दर्पण नामक पत्रिका के सम्पादक जियाउर्रहमान पर कासगंज के सिविल लाइन थाने में आई0टी0 एक्ट में दर्ज की एफआईआर है जो स्थानीय भाजपा नेता द्वारा दर्ज करायी गयी है।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि लोकतंत्र का चैथा खम्भा प्रेस मीडिया ही है और प्रदेष सरकार के इषारे पर इस चैथे खम्भे पर हमला लोकतंत्र की जडे हिलाने वाला प्रतीत होता है। सरकार को चाहिए कि यदि मीडिया के माध्यम से समाज की वास्तविक तस्वीर उजागर की जाती है तो उसका संज्ञान लेकर स्वच्छ तस्वीर उभारने का प्रयास करना चाहिए। अपने घोषणा पत्र के वादों को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। सरकार उससे हटकर केवल मन्दिर मस्जिद, हिन्दू मुस्लिम तथा सामाजिक भटकाव में व्यस्त है। समाज के सामने झूठे आकडे एवं जोषीले भाषण प्रस्तुत करने से प्रदेष का भला नहीं होगा। घोषणा पत्र के अनुसार गन्ने का भुगतान 14 दिन के अन्दर होना चाहिए परन्तु चालू पेराई सत्र का लगभग सवा चार हजार करोड रूपया बकाया है। जिसका तुरंत भुगतान होना आवष्यक है और पिछली सरकार द्वारा बकाया गन्ने के मूल्य के ब्याज का भुगतान भी गन्ना किसानों को माननीय उच्च न्यायालय के आदेष के अनुपालन में किया जाना चाहिए।
रालोद प्रदेष अध्यक्ष ने प्रदेष सरकार को चेतावनी देते हुये कहा कि बकाया गन्ने का मूल्य तथा ब्याज शीघ्र ही भुगतान किया जाय एवं व्यवस्था दर्पण पत्रिका के सम्पादक पर दर्ज की गयी एफआईआर वापस ली जाय। अन्यथा राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी सडको पर निकलने के लिए बाध्य होंगे जिसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व प्रदेष सरकार का होगा।
(सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी), प्रदेश प्रवक्ता