जयंत के आने से जाटलैंड में NDA के लिए पलटेगी बाजी, बीजेपी-रालोद गठबंधन की भी होगी अग्निपरीक्षा

भाजपा ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जयंत चौधरी को साधने में कामयाबी हासिल की। जयंत चौधरी पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह के पोते हैं। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करके केंद्र की मोदी सरकार ने जाटों को साधने की एक और बड़ी कोशिश की।

Yogi Jayant

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Jayant Chaudhary: The making of a Jat leader

Jayant Chaudhary: The making of a Jat leader

LUCKNOW: The biggest recognition for RLD chief Jayant Chaudhary came on Sept 20,
2021, when members from different Khaps gathered in Chhaprauli town of Baghpat
and ‘coronated’ him as ‘Bade Chaudhary’ after the death of his father Ajit Singh The title was earlier given to Jayant’s grandfather and former PM Charan Singh and
later to Ajit Singh. Jayant’s elevation as ‘Chaudhary’ meant he was now the political
representative of Khaps across India.
This was a big moment for the US-born young Jat leader, who had been struggling for
a political footing after Rashtriya Lok Dal was decimated by the BJP in 2014 and 2019
Lok Sabha and 2017 UP elections.
Jayant, then 42, had a herculean task at hand: resurrect the party and consolidate
RLD’s core Jat and Gurjar votes which accounted for around 40% of the total
electorate in 25 west UP districts. Ahead of the 2022 UP elections, Jayant decided to
bolster ties with the Samajwadi Party to consolidate Muslims, who were at
loggerheads with Jats after 2013 Muzaffarnagar riots.
Sensing RLD’s political revival, BJP reached out to Jayant for a tie-up but he declined
the offer saying:
“Main koi chawanni nahi jo palat jaun”
(I am not a 25 paise coin who will flip).”

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Baghpat Lok Sabha Seat: बागपत में चौधरी फैमिली का दबदबा, 9 बार चुने गए सांसद... 57 साल में सिर्फ एक बार गैर जाट सांसद

बागपत लोकसभा सीट पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है. जब से ये सीट अस्तित्व में आई है, तक से लेकर अब तक सिर्फ एक बार गैर-जाट सांसद बना है. पिछले 57 साल के इति...  बागपत लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) की तरफ से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अमरपाल शर्मा को मैदान में उतारा है. जबकि एनडीए (NDA) Read More


'कमल को चाहिए पानी, हमारा चुनाव चिन्ह है हैंडपंप', समाजवादी पार्टी पर जयंत चौधरी ने साधा निशाना

जयंत चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव चिन्ह हैंडपंप है। कमल को भी पानी की जरूरत होती है। वहीं सपा को लेकर उन्होंने कहा कि साइकिल लोगों के साथ से फिसल रही है।

'कमल को चाहिए पानी, हमारा चुनाव चिन्ह है हैंडपंप', समाजवादी पार्टी पर जयंत चौधरी ने साधा निशाना

जयंत चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव चिन्ह हैंडपंप है।

loksabha election 2024 Jayant Chaudhary targeted Samajwadi Party said this- India TV Hindi

Image Source : FILE PHOTOसमाजवादी पार्टी पर जयंत चौधरी ने साधा निशाना

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दलों द्वारा तैयारियां जोरों-शोरों से की जा रही है। कौन किस पार्टी के साथ जा रहा है, इसपर अब भी काम जारी है। नेताओं द्वारा अधिक से अधिक संख्या में चुनावी रैलियां की जा रही है। आरएलडी भाजपा के साथ जुड़ गई। इसके बाद अब आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने बयान जारी किया है। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि हमारा चुनाव चिन्ह नल है। वहीं भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल है। कमल को भी पानी की जरूरत होती है। कमल खिलेगा, वो (साइकिल) तो जनता के हाथ में फिसल रही है।

समाजवादी पार्टी पर साधा निशाना

इससे पहले मंगलवार को शामली में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने शतरंज के खेल को समझाते हुए कहा कि विपक्षी हमें 6-7 का गणित सिखा रहे थे। विपक्षी बेगम देना चाह रहे थे। बादशाह लेना चाह रहे थे। दरअसल कैराना लोकसभा में वो भाजपा-रालोद के संयुक्त प्रत्याशी प्रदीप चौधरी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि चौधरी साहब के जाने के बाद आपने मुझे बड़ी जिम्मेदारी दी है। मुझे यह अधिकार है कि आपके हित के लिए कार्य करूं। मैं

चौधरी सूरजमल को यहां श्रद्धांजलि देता हूं।  Read More


जयंत चौधरी ने कैसे अखिलेश-राहुल से अलग अपनाई रणनीति? लोकसभा चुनाव में मिलेगा बड़ा फायदा!

 लोकसभा चुनाव में इस बार फिर से सबकी नजर देश के सबसे अधिक सीटों वाले उत्तर प्रदेश पर है। बीजेपी के लिए यह सूबा सियासी रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पकड़ मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय लोकदल के साथ समझौता किया है। एनडीए में शामिल होने के बाद बीजेपी ने राष्ट्रीय दल को समझौते के तहत दो सीटें बागपत और बिजनौर दी हैं। पार्टी ने इस बार रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण फैसला लिया है। 1977 के बाद यह पहली बार होगा जब चौधरी चरण सिंह परिवार का कोई भी सदस्य लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगा। जयंत चौधरी की इस रणनीति को अखिलेश यादव और राहुल गांधी के सामने महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार जयंत ने इस चुनाव में परिवारवाद के नाम पर विपक्ष को आईना दिखाने का काम किया है। दूसरी तरफ बीजेपी लगातार परिवारवाद के नाम पर विपक्ष पर हमलावर बनी हुई है।

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अमरोहा में जयंत बोले- कोई चूक न करें, नहीं तो अगले 5 साल मलाल और फिर पछतावा रह जाएगा - Amroha Lok Sabha Seat

आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने बुधवार को भाजपा प्रत्याशी कंवर सिंह तंवर के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया. साथ ही विरोधी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा.

 

अमरोहा : आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने बुधवार को भाजपा प्रत्याशी कंवर सिंह तंवर के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया. साथ ही विरोधी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा. जयंत ने कहा कि मतदान करने जरूर निकलें. कोई चूक न करें, नहीं तो अगले 5 साल मलाल और पछतावा रह जाता है.

दूसरे चरण के मतदान के लिए आज चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है. जयंत ने एक सवाल पर कहा कि जब लोहा गरम होता है, तभी चोट करने में मजा आता है. चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है, आखिरी पल कोई कमी ना छोड़ी जाए. मैं अपील करता हूं कि मतदान करने जरूर निकलें. कोई चूक न करें. फिर 5 साल मलाल और पछतावा रह जाता है. कहा कि गरीबों के लिए करोड़ों घर बन गए. शौचालय बन गए. सड़कें बन गईं, आवागमन लोगों का आसान हो गया. अगले चरण में हम चाहेंगे कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को फिर दोबारा बढ़ाया जाए. किसानों के लिए अच्छे काम हों. नौजवानों के लिए रोजगार सृजन के सारे काम करें.

जयंत ने कहा कि अखिलेश यादव को लेकर कहा कि उनके यहां कंफ्यूजन है. कौन लड़ेगा, किसका नामांकन होगा, कौन उतरेगा, किसी को मालूम ही नहीं है. उन्हें खुद नहीं मालूम. विपक्ष के अवसरवादी होने के आरोप पर कहा कि राजनीति के मूल संस्कार को समझिये. राजनीति पार्टी अलग-अलग हैं, विचार अलग-अलग हैं सबके, सबकी कोशिश होती है कि सत्ता में आओ और अपने काम हों.  Read More